जानते हैं पानी से क्यों नहीं मिटता मिर्च का स्वाद?
वैसे ये बात बताने की जरूरत तो है नहीं कि जब भी आप जानबूझकर या फिर गलती
से कुछ तीखा खा लेते हैं तो उसके तुरंत बाद आपको कुछ मीठा खाने की जरूरत
महसूस होती है। पानी जो हर तरह के टेस्ट को मिटा सकता है, हैरानी की बात है
कि वो जबान पर लगी मिर्ची को मिटाने में असफल साबित हो जाता है।
आप खुद इस बात को देख सकते हैं कि तीखा खाने के बाद आप चाहे कितना ही पानी
पी लीजिए, लेकिन जब तक आप कुछ मीठा खा नहीं लेते तब तक आपके मुंह का टेस्ट
चेंज नहीं होता। आपको क्रीम, दूध या कुछ मीठा खाना ही पड़ता है। कभी आपने
सोचा है, ऐसा क्यों?
अमेरिकन केमिकल सोसाइटी ने यूट्यूब पर रिएक्शन एवरीडे केमिस्ट्री नाम का एक
वीडियो अपलोड किया है, जिसमें भिन्न-भिन्न केमिकल रिएक्शन के विषय में
बताया गया है।
वीडियो में दिखाए गए कंटेंट में यह बताया गया है कि मिर्च के भीतर एक
प्रकार का कैमिकल कंपाउंड होता है जिसे केपसइसन कहा जाता है। जब यह कंपाउंड
मानव टिशू के संपर्क में आता है तो हलचल पैदा करता है, एक ऐसा केमिकल
उत्पन्न होता है जो जलाने वाला होता है।
आपको बता दें पेपर स्प्रे के भीतर भी इस केपसइसन का प्रयोग किया जाता है।
मानव जिह्वा का स्पर्श होते ही केपसइसन एक पेन रिसेप्टर से मिल जाता है,
जिसके बाद खाने के तीखेपन का अहसास होता है। केपसइसन ही मानव मस्तिष्क को
यह बताता है कि कुछ ऐसा खा लिया गया है जिसे नहीं खाना चाहिए था। इस सूचना
के मिलते ही पेन रिसेप्टर तुरंत सक्रिय हो जाता है। खाना जितना तीखा होगा,
उसमें केपसइसन की मात्रा उतनी ही ज्यादा होगी।
अगर कैपसइसन की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो इसकी वजह से नाक बहने लगती है
और मुंह से लार निकलने लगती है। केपसइसन का प्रभाव कम करने में पानी नहीं
बल्कि दूध या दूध से बने पदार्थ ही कामयाब होते हैं, इसका कारण यह है कि
दूध के अणु नॉन पोलर होते हैं। तो अब टेंशन किस बात की अब जब भी कुछ तीखा
या स्पाइसी खाने का मन करे तो उसके बाद एक गिलास दूध पी लीजिएगा, मिर्च का
टेस्ट झट से गायब हो जाएगा।
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